Friday, November 22, 2013

कई बार छोटे बच्चो को देखकर मुझे अपने बचपन याद आने लगती है वो खिलौनो को देखकर जिद करना और उन खिलौनो के न मिलने तक रोना ,दोस्तों के साथ पतंग उड़ाना,गिल्ली-डंडा खेलना, लुका छिपी का खेल खेलना,कन्चे खेलना अपने पसंदीदा टी बी कार्यक्रम शक्तिमान को देखने के लिए स्कूल से भाग कर आना बहुत याद आता है आज के बच्चो की तरह हमारे पास विडियो गेम कम्प्यूटर और स्मार्टफोन या आईपैड हमारे पास नही थे और टी बी में ढेर सारे चैनल भी नही थे सिर्फ एक चैनल दूरदर्शन था गाने सुनने के लिए एक रेडियो और उसमे एफ एम का एक भी स्टेशन नही था,वैसे विविध भारती सुनने में बहुत अच्छा लगता था बचपन में  मै बहुत ही शर्मिला लड़का था इस वजह से किसी से ज्यादा बात भी नही कर पाता था और न ही किसी से बोलता था मम्मी को ही तंग किया करता था मम्मी भी मुझे कभी पड़ोस के किसी बच्चे के पास खेलने नही जाने देती थी ,मेरा दूसरे बच्चों के साथ खेलने का बहुत मन होता था लेकिन मम्मी नानी तथा नाना के डर के आगे कभी हिम्मत भी नही कर पाता था ,अगर कभी चोरी से पड़ोस में खेलने जाता था तो वापस आने पर बहुत डांट पड़ती थी गर्मी की छुट्टियों में मै अपने दादी के घर जाता था वहाँ पर मेरा मित्र शैलेन्द्र था हम सुबह शाम पार्क में खेलने जाते थे,पार्क हमारे घर से बहुत दूर था वहाँ एक बहुत मोटा लड़का हम दोनों को बहुत परेशान करता था अगर हम उसे कुछ बोलते तो पीटता भी था एक दिन हम अपने डॉगी टॉमी को अपने साथ पार्क ले गए पार्क में टॉमी हम लोगों से दूर बैठा था,कि तभी वो मोटा लड़का आया और हमे परेशान करने लगा हम लोगों ने आवाज लगाई टॉमी उस लडके को लगा की हम उसे टॉमी कह रहे है तभी टॉमी ने दौड़ कर उसके पीछे से उसके पैंट को अपने मुंह से पकड़कर खीचने लगा उस लडके ने जैसे ही टॉमी को देखा तो चिल्लाना शुरू कर दिया और बहुत ही तेज भगा टॉमी भी उसके पीछे भागा उस दिन टॉमी ने उसे खूब दौड़ाया,उस दिन के बाद उस मोटे लडके ने हमें फिर कभी परेशान नही किया कुछ दिन बाद हमारी छुट्टियां समाप्त हो गयी और मै अपने घर आ गया था बहुत ही छोटा था जब मेरी मम्मी मुझे स्कुल छोड़ आती थी स्कुल में सभी बच्चे मुझे बहुत परेशान किया थे मै कभी उनको नही परेशान कर पाता था मेरी क्लॉस में एक लड़की पिंकी थी जो मुझे बहुत परेशान करती थी मै क्लास में जहाँ भी जा कर बैठता वो आकर मेरे ही पास बैठती थी और मुझे बहुत परेशान करती थी हमारी और उसकी खूब लड़ाई होती थी कई बार तो वो टीचर से मेरी झूठी शिकायत करके मेरी पिटाई भी करा देती थी और मै कभी उसकी कोई शिकायत ही नही कर पाता था